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सा० के दिल्ली चातुं मास के समय मुझे श्री सुनील कुमार श्रीमाल के माध्यम से इस शोध ग्रन्थ के विषय में जानकारी प्राप्त हुई। जिसके उपरान्त मैंने ग्रन्थ को प्रकाशित करवाने के मन्तव्य को म. सा. के सम्मुख निवेदन किया। उनकी स्वीकृति प्राप्ति के बाद श्री महेन्द्र कुमार नाहटा ने इसकी मुद्रण सम्बन्धित व्यवस्था संभालने में योगदान दिया है । मैं सर्वश्री सुनील कुमार श्रीमाल एवं महेन्द्र कुमार नाहटा को उनके योगदान के लिए धन्यवाद देता हूँ। आशा करता हूँ कि आप सभी सुधीजनों को यह ग्रन्थ उपयोगी प्रतीत होगा, जिससे मेरा यत्किंचित् अंशदान भी सार्थक हो सकेगा।
नई दिल्ली
हरख चन्द नाहटा