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पंचभाषी पुष्पमाला कार्य संपन्न करवाया - अनेक प्रकार की सहायतापूर्वक उक्त ग्रंथ का पुरोवचन-आलेख-प्रदाता विदुषी सुश्री विमलाताई ठकार ने, जिनकी श्रीमदजी को आत्मसात् करानेवाली पुस्तक 'अप्रमादयोग' - Yoga of Silence - एक 'मील का पत्थर' सिद्ध हई है। बरसों पूर्व विमलादीदी के साथ आयोजित Selected works of Srimad Rajchandra की अंग्रेजी ग्रंथ आयोजना तो इस अल्पात्मा के प्रमाद एवं अन्य प्रवृत्ति-सृजनों के बीच से सम्भव हो तब हो, किन्तु इसी बीच, उनके एवं गुरुदेव श्री सहजानंदघनजी के साथ सुदीर्घ विमर्शों-आयोजनों के अनुसार श्रीमद्जी का अन्य साहित्य तो छोटी-छोटी बहुभाषी पुस्तकपुस्तिकाओं के रूप में प्रकाशित हो वह इस युग की माँग होने के कारण अत्यावश्यक एवं उपयोगी है।
इन सारे सन्दर्भो में अब प्रथम अनूदित-संपादित हो रही है प्रत्येक के लिए - बहुजन सर्वसमाज के लिए परम उपकारक, उपयोगी, उपादेय कृति ऐसी शुद्ध, शांत, निर्दोष जीवनशैली सीखानेवाली, परमकृपालु देव श्रीमदजी की यह सरल रचना - 'पुष्पमाला'। यह पंचभाषी - पांच भाषाओं के स्वरूप में, परंतु अलग अलग प्रत्येक भाषी पुस्तिकाओं के रूप में भी प्रकाशित हो रही है। इस में मूल गुजराती, हिन्दी,
पर जिनभारती