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पंचभाषी पुष्पमाला
सम्पादकीयः
पंचभाषी पुष्पमाला
एक परम आत्मज्ञ का अनूठा उपहार
पूर्वप्रज्ञा का स्पष्ट प्रत्यक्ष प्रमाण - परम कृपालु देव की दस वर्ष की आयु में निष्पन्न, प्रज्ञा-पुष्पों से पुष्पित यह 'पुष्पमाला'!
अपने अनेक जन्मों के ज्ञान-निष्कर्ष एवं सहजसुंदर-सरल-निश्छल जीवन-दर्शन की परिचायक, सात वर्ष की आयु के पूर्वजन्म-'जातिस्मृति'-ज्ञान की फलश्रुति प्रदायक, इस परम आत्मज्ञ प्रज्ञापुरुष के उपकार-उपहार वत् नित्य-जीवन जीने की प्रायोगिक क्रम-माला !! आठ वर्ष की आयु में लिखित कविता आदि के बाद लिखी गई यह कैसी अनूठी कृति!
आबाल-वृद्ध, अनपढ़-विद्वान्, गृहस्थ-त्यागीजन - सभी के लिए कितनी मधुर मंजुल सरल प्रांजल
जिनभारती के