________________
First Proot Dr. 21-3-2017.
CIT)
"आखिरी १० + १६ = २६ बरसों से डेढ़ लाख किलोमिटर पैदल चलकर, स्वयं के खर्च से, सेवकदल के साथ परिवार सह, देशभक्ति से 'भारत-गुजरात सर्वोदय पदयात्रा' के द्वारा पू. गांधीजी, पू. विनोबाजी का सर्वोदय-संदेश स्कूल-कॉलेजों, गाँवों-नगरों में, भारत के विविध राज्यों में एक बार और गुजरात के 25 जिलो में पांच बार फैलाते हुए अत्र 300 शिक्षासंस्थाओं में प्रसारित करते हुए और अब अतिश्रम-टॅन्शनों से प्रत्याघात (Heart Attack) के हार्ट ऑपरेशन के पश्चात् यहाँ घर पर औषधोपचार सारवार सतत चल रहे हैं। धीरे धीरे सुधार हो रहा है। उसमें आपकी दुवाप्रार्थना रक्षा प्रदान कर रही है।" (12-08-2004 के पत्र में)
ऐसे महान सर्वोदयी, शांतिसैनिक का अभी ही 2013 में अहमदाबाद में शांतिपूर्वक देहत्याग हुआ। उनका प्रायोगिक प्रत्यक्ष सान्निध्य एक छोटे-से शान्तिसैनिक के रूप में पाकर और इस बहुमूल्य पुरोवचन को पाकर हम धन्य हुए हैं, कृतार्थ हुए हैं, मानों उनके द्वारा पूज्य राजचंद्रजी-गांधीजीविनोबाजी के ही, हम अहिंसा-आशीष पा रहे हैं इस महासैनिक' नाटक में अहिंसा का शांति-साम्राज्य स्थापित करने की दिशा में । नाट्यलेखक