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Fire Proof Dr. 21-3-2017..
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महासैनिक समय : चौथे विश्वयुद्ध का : इ.स. २०४८ का : महात्मा गांधी की मृत्यु के १०० वर्ष बाद का । फरवरी का महीना । प्रथम अंक का आरम्भ प्रथम दृश्य रात्रि के ९-० बजे आरम्भ होता है। मध्य के उसी रात्रि के स्वप्नदृश्य और दूसरे दिन प्रातःकाल के दृश्यों के बाद दूसरी संध्या तक नाटक के सभी दृश्य समाप्त होते हैं। इस प्रकार पूरे चौबीस घंटे के कालखंड के भीतर नाटक की सारी घटनाएं घटती हैं, जो विशाल काल-फलक को एवं गांधीजी के जीवन के कुछ पहलुओं और विचारों को सांकेतिक रूप से स्पष्ट करती हैं।
घटना-स्थान एवं दृश्य : पृथ्वी के पश्चिमी हिस्से में विश्वयुद्ध के अधिक विस्तारवाला एक दृश्य और दूसरा उससे कुछ दूर विकसित अवकाशी युद्ध (Space War) के ग्राउन्ड कन्ट्रोल स्टेशन
और सेना के जनरल के कैम्प का । ग्राउन्ड कन्ट्रोल स्टेशन के लैन्ड-फाइटींग स्पोट का दृश्य अधुनातम अवकाशी युद्ध के वैज्ञानिक शस्त्रों इत्यादि से सुसज्ज है। उसके निकट के जनरल के कैम्प में डेरेटैन्ट की सुविधाजनक व्यवस्था है। पीछे दूसरी ओर दूर टेकड़ियाँ और वृक्षादि दिखाई देते हैं। प्रथम दृश्य भी जंगलों, और झाड़ी का है जहाँ सैनिकों के मृतदेह और कुछ घायल सैनिक पड़े हैं।
मध्य के स्वप्न दृश्यों को दिखलाने मोस्क्वीटो नैट-कटन, सायक्लोराम कटन,सितहों की रंगीन प्रकाश एवं चित्र की टैकनिक इत्यादि का उपयोग किया जाता है। इन्हीं स्वप्न दृश्यों के द्वारा दीपक, अंधकार, सूर्य, आकृतियाँ और बाघ-शेर इत्यादि पशु दिखलाये जाते हैं । स्वप्न में कुछ क्षणों और मिनटों की झाँकी के रूप में ही गांधीजी और श्रीमद् राजचन्द्रजी को दिखाया गया है, पात्र के रूप में वे कहीं नहीं है।
पात्र : युद्ध के संबंध में कथावस्तु होने से प्रायः सभी पात्र फौजी हैं, लगभग सभी अफसर पश्चिमी हैं, घायल एवं मृतसैनिक विश्व के सभी देशों के सभी चमड़ियोंवाले हैं। शांतिसैनिक बूढ़े बाबा भारतीय हैं।
इस शांतिसैनिक के प्रवेश-युद्धभूमि पर-से ही नाटक का आरम्भ होता हैं। १०६ वर्ष की गांधीजी की कल्पना के संयमित जीवन के प्रतीक-सा'बूढ़े बाबा' का यह पात्र है।खद्दरधारी, सफेद दाढ़ीवाले, पदयात्री बूढ़े बाबा की पीठ पर एक बंडल, बगल में एक छोटा सा थैला, दूसरे बगल में वोटर बोटल, सर पर शांतिसेना का प्रतीक स्कार्फ, एक हाथ में टार्च और दूसरे में लाठी इत्यादि हैं । बूढ़ा होते हुए भी वह अपेक्षाकृत दृढ़ और स्वस्थ है, किन्तु युद्ध भूमि के विभिन्न भागों से गुजरकर आने के कारण बुरी तरह घायल और कुछ लहू से लथपथ भी है। मोहक उसका व्यक्तित्व है, चमकती