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________________ चित्रकला ७. पहलवानी करता हुआ बलशाली पहलवान (२६) । ८. आभूषण पहिने हुए कोई रूपवान व्यक्ति (२७) । ६. कण्ठा एवं कटक पहिने हुए कोई धनवान ( २८ ) । १०. अपने ऊँचे कुल का घमण्ड करता हुआ व्यक्ति (२९) । ११. उन्मत्त लोभी व्यक्ति (३०) । १२. ज्ञान एवं आचरण से रहित हाथ में पुस्तक लिए कोई पंडित (३१) | १३. तप करने का ढोंग करता हुआ कोई भुजदण्ड धारण किये हुए व्यक्ति (३२) । १४. धनुष-बाण लिए हुए कोई व्यक्ति (१८७.३३) । नंगी तलवार लिए हुए कोई व्यक्ति (१८८.१) । १६. पिंजड़े में वन्द शुक-सारिका (१८८.३) । १५ १७. गर्भभार से पीड़ित प्रसूत के लिए तड़पती स्त्री (४) । १८. बच्चे के जन्म पर नाचती हुई स्त्रियाँ ( ८ ) । १६. मुर्गों एवं शुकों के साथ खेलता हुआ बच्चा (१३) । २०. कन्याओं एवं युवतियों के साथ रमण करता हुआ तरुण ( १४, १५) । २१. स्त्रियों के बीच उपेक्षित कोई बूढ़ा व्यक्ति (१६) । २२. भीख माँगता हुआ कोई भिखारी (१७) । २३. चीवर एवं कंथा पहिने हुए कोई साधु (१८) । २४. भौतिक साधनों का उपभोग करता हुआ कोई व्यक्ति (१९) । २५. पालकी में बैठा राजा ( २० ) । २९७ २६. संग्राम में लड़ते हुए सैनिक (२१) | २७. सिंहासन पर बैठा हुआ राजा तथा सामन्त लोग (२२) । २८. लोभवश समुद्र में घुसने वाले व्यक्ति (२४) । २९. परधन को चुराते हुए चोर (२५) । ३०. मछली पकड़ते हुए मछुए (२६) । ३१. झूठ बोलते हुए बनिये ( २८ ) | ३२. घर त्याग कर मोक्षमार्ग का साधन करने वाले साधु (१९) । 'कुमार, इस प्रकार यह मैंने मनुष्य लोक का संक्षेप में विद्ध तथा स्थान से मनोहर चित्र अंकित किया है- एयं कुमार, लिहियं मणुयाणं विद्धठाणयं रम्मं संखेवेण (१८८.३० ) ।' इस प्रकार कहकर उन मुनिराज ने मुझे चित्रपट का
SR No.032282
Book TitleKuvalaymala Kaha Ka Sanskritik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherPrakrit Jain Shastra evam Ahimsa Shodh Samsthan
Publication Year1975
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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