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जैनधर्म की कहानियाँ भाग-६/२६ जयकार कराओ, ऐसा मेरा आशीर्वाद है। तुम्हारी शक्ति के ऊपर मुझे विश्वास है और तुम जरूर अपने कार्य में सफल होओगे। जिनेन्द्र भगवान तुम्हारा कल्याण करें।
HIMAMTARAT
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Pandekaood
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WATUR
(दोनों पुत्र नमस्कार करके जाते हैं और सभी एकसाथ बोलते हैं।)
सब : बोलिए, जैनधर्म की जय!