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श्री प्राचीनस्तवनावली .. . . . [८९ स्सीए, मुनिसुभद्र सयसत्त ॥ से० ॥११॥ रामचंद्र पण कोडिथीए, नारदमुनि पीसताल ॥ नमो० ॥ पांढव कोडि वीशथीए, शिवपोता समकाल ॥ सेवो० ॥ ११ ॥ सांब प्रद्युम्न मुनिसरूए, मुनि साड़ात्रण कोड़ ॥न०॥ विमलाचले निरमल थइए, ते प्रणमुं बे कर जोड ॥ सेवो० ॥ १३ ॥ थावच्चा सुत शुकमुनिए, सेलग पंथक सिद्ध ॥ नमो० ॥ वासुदेव घरणी शिव लहयुए, सहस्त्र पांत्रीश प्रबुद्ध ॥सेवो० ॥१४॥ वैदरभिनिकर्मताए, सामिसल चोफाल ॥ नमो० ॥ श्री वासुसार अनंतताए, पामी गुण संभाल ॥ सेवो०॥१५॥ सिद्धा बहु मुनि इण गिरिवरेए, यादववंश अनेक ॥ नमो० ॥श्रेणिक कुल साधु साधवीए, सिद्ध थया थिर टेक॥ सेवो०॥ १६ ॥ विद्याधर भूचर घणाए, इहां पाम्या गुण कोड़ी ॥ नमो० ॥ आतम हेते एहनीए, कोण करी सके होडि ॥ सेवो० ॥१७॥ तिवारे तीरथ पतिए, ए तीर्थे बहुवार ॥ नमो० ॥