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णयणदिविरहवउ
[७. ६.८डमडमिय डमरुयइँ डंडत डक्काइँ। थरथरि थरथरिर्र करडोह सदाइँ। झिझिझि झिभिंत झिक्विरि सुहद्दाइ। थगेयुगेगे थर्गदुगेर्ग तखतखिखे पडहाइँ। किरिकिरिरि किरिकिरिरि तटखुद लडहाइँ । करमिलण झिमिझिमिय झल्लरि वियंभाई। रंजंत रुंजाइँ भंभंत भंभाइँ। तुरुतुरिय काहलइँ हूहुइय संखाई। एयाइँ अवराइँ बहुविह असंखाइँ"। णिय अवसरं मुणेवि आणंदपूरियहि । सहसत्ति वाइयइँ तूराइँ तूरियहिँ ।
[मयणावयारो णाम छंदो] घत्ता-इय तूरणिणडु णिसुणिवि अरिबल मुज्झिय ।
दिक्किरि दिसपाल सयल वि हुय मयउज्झिय ॥६॥
रवेण एवं भुवणंतपूरयं वसंतउच्छाहयर सुतूरयं । सुणेवि राओ हरिसे विसट्टओ पुराओ उज्जाणवणं पयट्टओ॥वसत्थ॥ चल्लिओ राउ उजाणकीलामणो विबुहसंसेविओ णाई सक्कंदणो। चलिय अंतेउरालंकिया राणिया अभयणामि त्ति णं देवि इंदाणिया। चलिउ सुदंसणो कंतिवंतो तहा कुवलयाणंदणो छुद्धहीरो जहा। चलिय हिट्ठा मणोराम सा गेहिणी णियसुसोहग्गओहामिया रोहिणी। चलिउ तीए सुकंताहिहाणो सुओ सहयरालंकिओ कीलणे उच्छवो । चलिउ सेट्ठिस्स मित्तो जणे सूहओ कविलभट्टो सरिद्धीष्ट णं माहवो । चलिय तुच्छोयरी पोमवत्तच्छिया कविल णामप्पिया तासु णं लच्छिया। चलिउ णिस्सेसलोओ मणे तोसिओ सहइ छंदो इमो उठवसी भासिओ।
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६. ९ख करडोहि । १० क ग घ हूहुयई । ११ ग घ असेसाई । १२ क पूरियई। १३ ख सहसा वि वाइयहिः ग घ सहसत्ति वायाई। १४ क परिवरः ग घ परिवल ।
७. १ घरयं। २ क चल्लिमो दंसणो।