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संघ चतुर्विध ते समोजी, संबल दीयेरे तास; ते संख्या हवे वर्णकुंजी, यात्रा स्वाध्याय उपवास सूरी० धन्य० ॥१३॥ अट्टाइचोत्रीस भत्त भलीजी, छमासी वरसी तप सार; सत्तपिस्तालीस तोत्तेर भलाजी, उपवास संख्या धार सूरी० धन्य० ॥१४॥ बेहजार चुमोत्तेर भलाजी, आंबिल संख्या जाण; साथीया अढार हजार भलाजी, एकासणा प्रमाण सूरी० धन्य०॥१५॥ बेहजार चुमोत्तेर भलाजी, बीआसणा तप जाण; बसो बार निवि भलीजी, तप संख्या प्रमाण सूरी० धन्य० ॥१६॥ नवाणुं यात्रा सोळ भलीजी, स्वाध्याय तप बे क्रोड; चोपन हजार पांचसेजी, सामायिकनी जोड सूरी० धन्य०॥१७।। नूतन अभ्यास मौन वलीजी, बीजा अनेक प्रकार; ते सर्वे गणी लेखं करेजी, तो लखतां नावे पार सूरी० धन्य०॥१८॥ स्मशांन यात्रामां भलीजी, सद्ग्रहस्थोए कर्यो विचार; शुभ मार्गे रोकड करीजी, साडा अग्यार हजार सूरी० धन्य०॥१६॥ सूरीश्वरना गुण वर्णव्याजी, तेहनी बीजी रे ढाळ; भणशे सुणशे भावथीजी, तसघर मंगल माल सूरी० धन्य०॥२०॥ गुरूकूळ वासी विनवेजी, शिष्य कंचन करजोड; वंदना लेजो माहरीजी, वंदु मनने क्रोड सूरी० धन्य० ॥२१॥ वंदु वारहजार सूरी० लियो वंदन स्विकार, दीओ दर्शन एकवार सूरीधर जेम थाय अम उद्धार सूरीधर धन्य धन्य तुम अवतार........ ॥२२॥ (55) प० पू० आ० वि० कनकसूरिजी म०सा०नी सज्झाय
विजय कनकसूरीजी वंदिए, गुणमणि रयण भंडार रे; शोभे मुद्रा समता मयी, तपगच्छना शणगार रे। वि० १ कच्छ वागडमां दिपतुं, सुंदर पलांसवां शहेर रे; शांति जिनेश्वर शोभतां, नामे थाय लीला ल्हेर रे । वि० २ उत्तम कोटीना आतमा, उपन्या जीहां महाभाग रे; अनेक भाई बहेनो बुझीयां, संयम लीये शुभ राग रे। वि० ३ श्रावक लोक सुखीया वसे, श्रद्धा क्रिया भरपुर रे; बहोलो परिवार जेहनो, चंदुरा कुल सनुर रे। वि० ४ नानचंद पिताजी निर्मला, माता नवलबाई नाम रे; ओगणीश इगुण चालीशे, नभस्य वद पंचमी अभिराम रे । वि० ५ शुभ नक्षत्रवारे जनमीया, कानजीभाई अभीधान रे; लघुवयमां वैरागी थयां, ए पुरव पुण्य अनुमान रे। वि० ६ ओगणीश बासठ भीमासरे, पूर्णिमा मागशीर मास रे; संघ