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सच तो यह है कि जिस दिन बच्चा पैदा हुआ, उसी दिन से उसका मरण चालू हो गया है। उसी दिन जरा ने उसे पकड़ लिया है 'जरा वयोहानिः' । वह व्यक्ति प्रतिपल जीर्ण हो रहा है।
प्रिय मुमुक्षु 'दीपक' !
धर्मलाभ।
परमात्म-कृपा से आनन्द है।
स्वाध्याय-संयम आदि आराधना सानन्द चल रही है। कल ही तुम्हारा पत्र मिला था।
'वैराग्यशतक' ग्रन्थ को कण्ठस्थ करते हुए तुम्हें आनन्द प्रा रहा है, यह बात जानकर मुझे प्रसन्नता हुई।
शास्त्रकार महर्षियों ने स्वाध्याय को एक विशिष्ट योग कहा है। प्रात्मा को मोक्ष के साथ जोड़ने वाली क्रियाओं को योग कहा जाता है । स्वाध्याय से कर्मों की अपूर्व-निर्जरा होती है। ___'स्वाध्याय' अभ्यन्तर तप है। स्व अर्थात् आत्मा। अध्याय अर्थात् अध्ययन करना। स्वाध्याय में प्रात्मा के स्वरूप, आत्मा
मृत्यु-9
मृत्यु की मंगल यात्रा-129