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. १८--यदि कोई स्त्री या पुरुष स्वप्नके अन्तमें एक बड़ी प्रश्वपंक्ति, गजपंक्ति, या वृषभपंक्तिको देखे और उसपर चढ़े, ऊपर चढ़ गया माने और झट जाग पड़े तो उसे यह फल होगा कि वह उसी जन्ममें मोक्ष प्राप्त करे और सब दुःखोंका अन्त करे।
१६-...-..."समुद्रके दोनों ओर अड़ा हुआ तथा पूर्व और पच्छिमकी ओर लम्बा एक बड़ा सा दामन-रस्सा देखे, और उसे लपेटे या लपेटता हुआ माने तो वह · · 'मोक्ष... . । * २०-......दोनों ओर से लोकांतको स्पर्शित तथा पूर्व
और पच्छिम में एक लंबी रज्जु देखकर उसे काट डाले तो वह मोक्ष.......। . ... २१–......"एक बडेसे काले सूत या सफेद सूतको सुलझावे तो.... मोक्ष.....।
२२-... "एक बडेसे लोह, तांबा, रांग, सीसेके ढेर पर चढे तों-...मोक्ष.........।
२३-...-.."चांदी, सोना, रत्न और वज्रके ढेर पर चढे...."मोक्ष......।
२४-........ घासके ढेरको तेजोनिसर्ग नामक अग्निसे उसे भस्म करके बखेरे... - मोक्ष......। . २५-...शरस्तंभ, वीरणस्तंभको देखे और उसे उखाड़ डाले....."मोक्ष' ।
२६-दूध, दही, घी और मधुके घड़ेको देखकर उठावे... " मोक्ष.......। ____२७-... मदिरा, सौवीर, तेल, चर्बीके घड़ेको देखकर
उसे फोड़ डाले.... मोक्ष. ...। - २८---खिले फूलोंसे समृद्ध पद्मसरोवरको देखे और उसमें प्रवेश करे.. • मोक्ष......।