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श्री हरिभद्रसूरि विरचित वृत्ति सहित
ध्यानशतक
( ध्यानाध्ययन )
मालोचनात्मक प्रस्तावना, हिन्दी अनुवाद और विविध परिशिष्टों से समन्वित
तथा
श्री भास्करनन्दि-विरचित
ध्यानस्तव
( प्रस्तावना, हिन्दी अनुवाद पोर परिशिष्टों सहित )
सम्पादक
बालचन्द्र सिद्धान्त-शास्त्री
प्रकाशक
वीर-सेवा-मन्दिर २१, दरियागंज, दिल्ली-६