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दफा ५१४]
स्त्रियोंका अधिकार
होता है । मगर जहां कहीं कभी कभी बाप और पुत्रोंके परस्पर बटवारा हुआ है वहांपर यह माना गया है कि बापकी जो पत्नियां पुत्रहीन हों उन्हें एक पुत्र के हिस्सेके बराबर हर एकको हिस्सा दिया जाय । परन्तु यदि किसी पत्नीके पास स्त्रीधनकी सम्पत्तिहो तो उसे एक पुत्रके हिस्सेसे आधा हिस्सा दियाजाय । दफा ५१४ बटवारेक समय माका हिस्सा
दक्षिण भारतमें यद्यपि यह कहा जाता है कि मा या सौतेली मा को बटवारेमें हिस्सा देनेका रवाज उठ गया है तो भी यह नियम है कि जब बेटों में या बेटों और पोतोंके परस्पर कोपार्सनरी जायदादका बटवारा हो तो विधवा माता या सौतेली माताको भरण पोषणके खर्चके बदले एक पुत्रके हिस्से के बराबर हिस्सा दिया जायगा देखो-8 Cal. 649; 11 C. L. R. 186; 31 Cal. 1065; 8 C. W. N. 76337 Cal. 191: 3 All. 118, 27 Cal. 551:311. A. 103 31 Cal 262; 6 B. L. R 1; 16 I. A 1153 4Cal. 756:5 Cal. 845%B12 Cal. 165; 10 Cal. 1017; 3 All.88, 12 B. L. R. 385%; 17 Bom. 27132 Bom. 494
इस विषय में याज्ञवल्क्य कहते हैं किपितृवं विभजतां माताय्यंशं समंहरेत-व्यव० १२३
१२३ पिताके मर जानेपर भाइयोंके बटवारेके समय माताको एक पुत्रके हिस्से के बराबर हिस्सा मिलेगा, उदाहरण देखो
(१) महेशकी दो स्त्रियां हैं, सुशीलाल और कमला । कमला एक पुत्र महेश
मुकुन्दको छोड़कर भर गयी। दूसरीके तीन पुत्र
हैं । मुकुन्दने अपने बाप महेशके मरनेपर मुश्तका सुशीला कमला
. जायदादके बटापानेका दावा अपनी सौतेली मां
और सौतेले तीनों भाइयोपर किया । ऐसी सूरतमें
जायदाद पांच बराबर हिस्सों में बांटी जायगी। गणेश रमेश सुरेश मुकुन्द हरएक पांचवां हिस्सा लेगा यानी सौतेली माता
सहित बटवारा होगा, देखो-दामोदरदास बनान
उत्तमराम 17 Bom. 271. (२) महेश मर गया उसने दो विधवायें सुशीला और कमला तथा
दोनोंसे पैदा हुए पांच पुत्र छो । अब दो माताएं और पांच पुत्र जीवित रहे
पांचों पुत्रोंके परस्पर बटवारा हुआ तो सुशीला सुशीला कमला कुल मुश्तरका जायदाद पहिले पांच
बराबर भागोंमें पुत्रोंके हिसाबसे बांटी । । । । । जायेगी। पीछे रमेश और सुरेशको रमेस सुरेश गणेश मुकुंद प्रताप जितना हिस्सा मिलेगा वह उनकी वि
धवामाता सहित तीन बराबर हिस्सोंमें
महेश
कमला