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[ आठवां प्रकरण
हिस्सा उसके भरण पोषणके बदले में मिलेगा, देखो - दामोदर मिसिर बनाम सनावुटी मिसराइन 8 Cul 537; 10 Cal. L. R. 401; दुलार कुंवर बनाम द्वारिकानाथ मिसिर 32 Cal. 234; 9 C. W. N. 270. सुमिरन ठाकुर बनाम चन्द्रमणि मिसिर 8 Cal. 17; 9 C. L. R. 415. महाबीरप्रसाद बनाम रामयादसिंह 12 B. L. R. 90-99; 20 W. R. C. R. 192. लालजीतसिंह बनाम राजकुमारसिंह 12 BLR. 873; 20 W. R. C. R. 337. प्रसिद्ध नारायनसिंह बनाम हनूमान सहाय 5 Cal 845; 5 C. L. R576
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अगर बापकी पत्नी ( माता या सौतेली माता ) को उसके पति (बाप) या ससुरने कोई अलहदा जायदाद दे दी हो तो बाप और बेटोंके परस्पर बटवारेके समय बापकी उस पत्नीको जायदादका इतना हिस्सा बटवारेमें दिया जायगा कि जो पहिले मिली हुई अलहदा जायदाद में मिलकर एक पुत्र के हिस्से के बराबर बन जाय, देखो - जैरामनाथ बनाम नाथू श्यामजी 31 Bom. 54; 8 Bom. L. R. 632; 12 B. L. R. 90; 20 W. R. C. R. 192, 196. यदि उसके पास एक लड़के के हिस्सेके बराबर या ज्यादा जायदाद पहिले से है तो बटवारेमें हिस्सा नहीं मिलेगा । नीचे उदाहरण देखो
महेश १
२। कमलनयनी
( १ ) महेशके दो स्त्रियां हैं, कमलनयनी और सुशीला, कमलनयनीके एक पुत्र शङ्कर और सुशीला के चार पुत्र हैं । शङ्करने मौरूसी मुश्तरका | जायदाद के बटा पानेका दावा महेश शङ्कर दिनेश सुरेश रमेश गणेश अपने बापपर किया । ऐसी सूरत में जायदाद आठ बराबर भागों में बटेगी हरएक हिस्सेदार है हिस्सा लेगा । महेश की दोनों स्त्रियां एक लड़केके बराबर हिस्सा पायेंगी, देखो -दुलार कुंवर बनाम द्वारिकानाथ 32 Cal. 234.
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५ ६ ।
७ ।
बंटवारा
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सुशीला
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अब ऐसा मानो कि महेशकी दो स्त्रियां हैं, सुशीला सिर्फ गणेश अपने एक पुत्रको छोड़कर मर गयी, पीछे गणेशने बटवारेका दावा बाप पर किया । ऐसी सूरत में जायदाद पांच बराबर भागों में बांटी जायगी। हर एक पांचवां हिस्सा लेगा । अब यह मानो कि सुशीलाके पास पतिकी दी हुई १००) साल के मुनाफेकी जायदाद पहिले से है और इस पांचवें हिस्सेकी आमदनी २०० ) रु० सालकी समझी जाती है तो ऐसी सूरत में उसे ५ वें हिस्सेकी आधी जायदाद मिलेगी । जायदादकी दूसरी तरहकी क़ीमतका भी ख्याल किया जायगा। देखो -- 31 Bom. 54. पत्नी स्वयं बटवारा नहीं करा सकती ।
दायभाग स्कूल - दायभाग स्कूलमें यह प्रश्न उठताही नहीं क्योंकि वहां पर बाप अपनी पैदा की हुई और मौरूसी जायदादका भी पूरा अकेला मालिक