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दत्तक या मोद
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[चौथा प्रकरण
दफा १५३ बाप और मा गोद देनेका अधिकार नहीं दे सकते
ऊपर यह कहा जा चुका है कि सिवाय बाप और मांके दूसरा कोई भी आदमी या औरत दत्तक नहीं दे सकती । इसमें यह प्रश्न उठता है कि जब माता या पिता गोद देनेका अपना अधिकार किसी दूसरेको दे गये हों अथवा दिया हो तो वह दत्तक दे सकता है या नहीं ? हिन्दुलॉ में माना गया है कि बाप और मांको स्वयं यह अधिकार नहीं है कि वे अपने गोद देनेके अधिकार को किसी दूसरे को दे सकें, और उन्हें यहभी अधिकार नहीं है कि वे अपने किसी लड़के से अपने मरने से पहले कह जायें कि वह अपने भाई को गोद देवे; अर्थात् माता और पिता अपना गोद देनेका अधिकार किसी दूसरे को नहीं दे सकते देखो-वशीटी अप्पा बनाम शिवलिङ्ग गप्पा 10 Bom. H. C.268. दफा १५४ अनाथ बालक गोद नहीं दिया जा सकता
इसी सिद्धांतानुसार अनाथ बालक जिसके मा और बाप दोनों मर गये हैं गोद नहीं दिया जा सकता क्योंकि व तो वह स्वयं अपने आप को गोद दे सकता है और न कोई उसके देनेका अधिकारी जीवित है । अनाथ बालक चाहे वालिग भी हो तो भी गोद नहीं दिया जासकताः देखो-2 M. H. C. 129; बलवन्तराव बनाम बापा बाई 6 Bom. H. C. (O. C. J.) 83; 10 Bom. H. C. 268. जैनियों में भी यही बात मानी गयी है उनमें उमरका कोई प्रश्न नहीं है। देखो-10 Mysore. 384. दफा १५५ बाप या मा की शोंकी पावन्दी जरूरी है .
कानूक्की इष्टिसे बाप और ममं पुत्र के दत्तक देनेके अधिकारी माने गये हैं। वह मगर चाहें तो किसी शर्त के साथ दत्तक दे सकते है। यह माना गया है कि अगर उन शर्तोंकी पाबन्दी न की जाय तो दत्तक नाजायज़ होगा। जैसे किसीने एक लिखत कर दी कि ' मैं अपना लड़का उस समय दत्तक दूंगा जब लेने वाला गवर्नमेण्ट की इजाजत प्राप्त कर ले' अगर यह बिना इजाज़त प्राप्त किये दत्तक ले लेवे तो वह दत्तक नाजायज़ होगा चाहे वह अन्य सब तरह से ठीक हो और वह इजाजत प्राप्त करना भी ज़रूरी न होदेखो-रंगू बाई बनाम भागीरथी बाई 2 Bom. 377.