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भविसयत्ता
धणव हरियत्तु महाणुराय मंतणई परिट्ठिय बेवि ताय । पुच्छिउ भूवालु पसन्नमाणु इयकालहो एयहो किं पहाणु । तेवि अवलोइड वयणु तासु वरतिलयदीवपरमेसरासु । अहु कारणु नउ सावन्नु एउ जं कज्जइ तं संघडइ हेउ । नरवइ महिवाल महाहिराउ तहो पुत्तु तुम्ह उक्खेवि आउ । अन्नुवि चित्तंगु महानिउत्तु सिंधुवइ सीहकंधरहो पुत्तु । अरिवारणसीहू अणतपालु चंपाहिउ चंपहि सामिसालु । अवरवि नरिंद अमरिंदतेय सयलवि एक्किक्कपहाण एय । परियण सभिच्च अप्पिय कलत्त अच्छंति बारि तउ रुलघुलंत । विसहिवि अवत्थ खेवंति कालु न मुवंति विहुरि नियसामिसाल | त्ता । किं किज्जइ इत्थु वियडि परिट्ठिय कज्जगइ |
आढप्पइ जं जि तंपि न एवहिं संभवइ ॥ ४ ॥
जड़ मुचइ तो पडिवक्खि जाइ जइ बज्झइ तो हियवइ न माइ । अह हम्मई तो जसहाणि होइ अच्छंतु एम सुंदरु न लोइ । अह एवि कामिन किउ जुत्तु आरोहिउ केसरि सुहु सुवंतु । लइ लेहु ताम नियलई पएहिं परिवेदिवि मत्तमहागएहिं । जइ रूसइ तो हम्मई वलंतु अह विसहह तो अच्छइ खलंतु । किउ निच्छउ आवासिय तलेर सज्जिय गयसाहणु भमियरेर । निग्घिण चिलाय नर कूरकम्म आरूढ गइंदहिं बद्धचम्म | विहडफड धावंतिं जणेण परिवेढिउ नायरियायणेण । हा हा निक्कारणु जाउ कज्जु मंछुडु मारिव्वर वइरि अज्जु । कोवि जंपर जइ मुच्चह जियंतु तो पुणुवि एह होइ विसर्ततु । धत्ता । अरि सप्परिवारि वेढिज्जंतए गयचडिहिं ।
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सविलक्खु हसेवि जंपिउ अवरुप्परु भडिहिं ॥ ५ ॥
अहो वह कज्जु समप्पमाणु अकियत्थु जाउ मरणावसाणु । वइरिहिं आढत्तइ सामिसालि किं करहु निराउह सीमिसालि । वरि तहिं जि आसि मुअ हणिवि गन्तु मं दिट्टु सामि अवमाणियंतु । अन्निक्कु भई लइ होउ चारु वणि सीहु वहइ किं हत्थियारु । अदंड बेवि पवति जाम को दुक्कइ सामिहि समुहु ताम । १ B विससंतु २ B एत्थु कालि