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नवमी सन्धी ।
हा पर बंधुयत्तु महु संज्जणु जेण पुत्त तड ने किउ विमद्दणु । ताहिवि साहु साहु कुलबहुअहिं सीलचरित्तगुणंतरनिहुअहिं । जा एवड्डु कज्जु थिउ झंपिवि पइहरि दुव्वावरणु वियप्पिवि । नयरिलोड पर सुक्खई माणई खलहं पवंचु माइ को जाणई । एम करेवि सुइरु कूवारउ पुणु पुणु सिरु चुंबिउ सयवारउ । भविसयत्तु विहसिवि उल्लावइ अम्मि गहिल्ली हुई नावइ । धत्ता । सिंगारहि सोह मइलहि माणु समच्छरहो ।
लइ पाणिउं देहि परिहवदुक्ख परंपरहं ॥ १५ ॥
एम भणिवि परिओसियगत्तिं दरिसिङ जणणिहिं पुलउ वर्हति । आणि जं तहो नयरहो होंतउ वत्थाहरणु रयणुपजलंतउ । जं न चडइ अंगि सामन्नहो अह कुरुजंगले वि नउ अन्नहो । जं ककोहलु अमरिंद वि जं सोहग्गरासि जणविंदि वि । तं दक्खविउ जणणि आनंदिवि उहयकरिहिं पयजुवलड वंदिवि । पहिरि माइ इउ तुज्झु जि जोग्गउ सयणविंदि पयडावियभोग्गड | तं पिक्खेवि जाउ सुहसंगउ कुंकुमेण उव्वहिअअंगउ । पुणु विजक्खकमिण पसाहिउ तिलउ समारिवि दप्पणु चाहिउ । अहरई दिन्नु मलिवि अलयज्जलु लोयणजुयलि निवेसिउ कज्जलु । धत्ता । नियपुत्तविदत्तु पिक्खिवि अतुल महाविहउ ।
afe सिंगारु पइपरिहउ परिहरिवि गउ ॥ १६ ॥ कमलई पुत्तपयावफुरंतिए लइड दिव्वु आहरणु तुरंतिए । बंडु डिल्लि अलक्खियनामउ उप्परि पीडिउं रसणादामउ । मुक्कर किंकिणी नउ संकिउ भरिवि रयणकंचुवउ तडक्किउ । मुडमलजुलि उ छन्नडं कंबु कंठकंलिए रवन्नजं । पीणघणत्थणमंडल हारिं सिरु धम्मिल्लकुसुमपन्सारिं । कन्नहिं कुंडलाई आहदहं उप्परि वेढियाई पहचिंध | पूरिउ रयणचूडु मणिवलयहो दिन्नई केऊरई बाहुलयहो । अंगुलीउ मणिमुज्जावत्तउ वीसहिं अंगुलीहिं पक्खित्तउ । पय मणिबद्धय नेउरजुवलउ सुहसंजवियमहुर रवमुहलङ । जंघाजुयलि रयणपज्जत्त कडियलि रसण कणयकडिसुत्तउ । १ B किय विमद २ A मणिबद्ध हिं