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ऐसी देना और इतनी काफी देना
मांगो प्रेम, मत मांगो परिभाषा। और जिस दिन तुम्हारे पास प्रेम है, उस दिन तुम्हारे पास सब है। जब तक तम्हारे पास प्रेम नहीं, सब भी हो तो कुछ भी नहीं है।
चाहे बरसे जेठ अंगारे या पतझर हर फूल उतारे अगर हवा में प्यार घुला है हर मौसम सुख का मौसम है
जिसके पास शब्द हैं जितने उतना उससे अर्थ दूर है। पट चूंघट का नहीं, रूप तो आत्मा का जलता कपूर है
दुनिया क्या है एक वहम है शबनम में मोती होने का और जिंदगानी है जैसे पीतल पर पानी सोने का
किंतु प्यार यदि साथ सफर में तो सचमुच इस मृत्यु-नगर में शाम सुबह की एक कसम है मरण मद्य का नया जनम है
चाहे बरसे जेठ अंगारे या पतझर हर फूल उतारे अगर हवा में प्यार घुला है हर मौसम सुख का मौसम है
इधर प्यार की वीणा का बजना शुरू हो जाए, फिर वसंत ही वसंत है। उसी वसंत में उस प्रभु की पहचान आती है।
जिसके पास शब्द हैं जितने