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इस अंधेरी रात से जागना है - तो संन्यास ! इस दुख भरे नर्क से बाहर निकलना है - तो संन्यास। सुबह को पास लाना है तो संन्यास जीवन को परमात्मा की सुगंध से भरना है - तो संन्यास। संन्यास का अर्थ है : तुमने तैयारी दिखला दी कि तुम मंदिर बनने को तैयार हो अब परमात्मा की मौज हो तो आ विराजे तुम्हारे हृदय में।
हरि ओम तत्सत्!