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________________ चैत्यों के दर्शन के लिए अति उत्कंठित हो गई। उसने कहा कि धन्य हूँ, मैं जो मैंने नलराजा को पति रूप में प्राप्त किया है, अब उनकी राजधानी में रहे हुए इन जिन चैत्यों की मैं प्रतिदिन वंदना करूँगी । (गा. 384 से 393) निषधराज ने तोरणादिक से सर्वत्र मंगला चार हो रहे थे, ऐसी अपनी नगरी में शुभ दिन में प्रवेश किया । वहाँ रहकर नल और दवदंती स्वेच्छा से विहार करने लगे । वे कभी हंस हंसी की तरह जल क्रीडा करते थे, तो कभी परस्पर एक एक की भुजा के द्वारा हृदय को दबा कर हिंडोले के सुख को अनुभव करते थे। कभी गूंथे हुए अत्यंत सुगंधित पुष्पों से एक दूसरे के केशपाश को विचित्र रीति से गूंथते थे। तो कभी बंधमोक्ष में चतुर और गंभीर हृदय वाले वे अनाकुलित रूप से अक्षधूत पासे खेलते थे। कभी अतोद्य और तंतीवाद्य को अनुक्रम से बजाकर नलकुमार एकांत में दवदंती को नृत्य कराता था । इस प्रकार नल और दवदंती अहर्निश अवियुक्त होकर नव नव क्रीड़ाओं द्वारा समय व्यतीत करते थे। (गा. 394 से 400 ) किसी समय निषधराज ने नल को राज्य पर और कूबेर युवराज पद पर स्थापित करके व्रत ग्रहण किया । नलराजा प्रजा का प्रजावत पालन करने लगे । सर्वदा प्रजा के सुख में सुखी और प्रजा के दुख में दुखी रहने लगे । बुद्धि और पराक्रम से संपन्न और शत्रु रहित नलराज को भुजपराक्रम से विजय पाने में कोई भी भूपति समर्थ नहीं हुआ। एक बार नलराजा ने अपने क्रमागत सामंतावादियों को बुलाकर पूछा कि मैं पित्रोपार्जित भूमि पर ही राज्य कर रहा हूँ, परंतु मैं इससे भी और अधिक राज्य का विस्तार करूँ, वह कहो कैसे हो ? वे बोले- आपके पिता निषधराज ने तो तीसरे अंश से कम ऐसे इस भरतार्थ को भोगा है और आप तो संपूर्ण भरतार्ध को भोग रहे हो इससे पिता से पुत्र सवाया हो वह युक्ति ही है । परंतु आपको यह भी जानकारी देते हैं कि यहाँ से दौ सो योजनाधिक तक्षशिला नाम की नगरी है, उसमें कदंब नाम का राजा है वह आपकी आज्ञा को मानता नहीं है । अर्ध भरत के विजय से उत्पन्न हुए तुम्हारे यश रूप चंद्रमा में वह एक दुर्विनीत राजा मात्र कलंकभूत है । (गा. 401 से 407) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित (अष्टम पर्व ) 101
SR No.032100
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charit Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurekhashreeji Sadhvi
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2014
Total Pages318
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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