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सहसकूट १०२४ जिनपूजा.
७६५ दिख्या सही। केवल मोक्ष शुजराजए ॥ हां ॥ चौवीशे जिनराजना। क ल्याणक वलि सुसमाजए ॥३॥हां०॥ पंच पंच गिणती करयां । एक सौबीश शुनगजए॥ हां०॥ च्यार जिनेसर शासता । षनानन जिनगुण राजए॥४॥हां०॥ चंद्रानन बीजोनमुं। वारखेण तीजो महाराजए॥हां०॥ वरधमांन नितवंदियै । ए च्यारे शुनगुण पाजए ॥५॥ हां०॥ द्रव्य नाव पूजन करो। अव जलनिधि तारण ज्याजए॥हां०॥ सुमति सदा जिनरा जना। पदवंदै हित सुख काजए ॥६॥ अशी परमा० सहसकूट० अष्ट मंगलं यजामहेः॥१०॥ ॥
॥॥अथ गीत, नृत्य पूजा॥ * ॥ ॥ ॥ (दूहाः)॥गीत नृत्य गुणगावतां । थायै लान अनंत । न व्य सदा सेवन करै । हृदय कमल विकसंत ॥१॥ (ढाल) ॥ ॥ अरे थारीगईरे अनादिनींद जरा टुकजोवोतो सही॥ जो० ॥ (ए चाल )॥ तनें देवैरे सुग्यांनीसीख जिनंद पद सेवोतो सही।सेवोतो सही मेराचेतन सेवो तोसही॥त॥जिनवरकी वरणी दुखहरणी जोवोतो सही ॥ मे० जो० ॥ रायपसेणी मांहि हीयामें पोवोतो सही ॥पो० मे । त०॥१॥ नवदधिकी तरणी सुखकरणी लेवोतो सही ॥ मे० ले० ॥ तुंरुल्योरे अनंते काल अग्यांनी वेवोतो सही ॥ वे० मे तनें ॥२॥ सम कितकी करणी मन हरणी सेवो तो सही ॥मां से०॥ परहरमान गुमांन जगत जश लेवो तो सही॥ ले। मे०॥ तनें ॥३॥ नविजनकी करणी जशनरणी वेवोतो सही ॥ मे० ॥ अजर अमर गुण होय करममल धोवोतो सही ॥ धो. मे० ॥ त०॥४॥ इत्यादिक गुण गण जिन वरणी जावो तोसही ॥ मे ना०॥ गीत ग्यांन शुललाव हियामें ध्यावोतो सही ॥ध्या० । मे० त० ॥५॥ मुनिवरकी करणी चितधरणी पावोतो सही ॥ मे० ॥ सुमति कहै गु रुग्यांन हियामें ल्यावोतो सही ॥ ल्या० मे ॥ तनें ॥ ६ ॥ उक्षी पर मा० । सहसकूट जिनेंद्राय गीत नृत्य पूजनं ॥११॥2॥
॥ * ॥ अथ वाजिव गुणपूजा ॥ * ॥ ॥॥ (दूहा) ताल मृदंग सजी करी । प्रनू पूजो धरनाव । न