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७२२ रनसागर, श्रीजिनपूजा संग्रह. हलोफल हाथमे लेके । दक्षिण नेत्रके वरावर पासमें बंगलीका आकार किया है ।। (जहां) शी विमल स्वामिनेनमः ॥ १ ॥ ऐसा कहके चढावे। (फेर ) कोहलोफल हाथमें लेके वामनेत्रपासे वंगलीमें ( 3 देत्रपालायनमः)॥ ऐसा वोलके चढावे ॥ २ ॥ ( पीने ) तीसरो कोह लोफल हाथमें लेके, अधःपींदीके दहिणेपासे वंगलीमें ( चक्रेश्वर्यैन मः॥) ऐसा बोलके चढावै ॥ ३ ॥ ( पीने ) चोथो कोहलोफत हा थमें लेके नीचे पीदाकै वामपासे वंगलीमें (न अप्रसिघ सिधचक्राधिष्टाय कायनमः ) ऐसा बोलके चढावे ॥ ४ ॥ ( पीछे ) दशदिशायें इंद्रादिक दशदिग्पालको स्थापन करे ( वनसकेतो) अपना २ वर्ण मुजब वस्त्र नेवे द्य पुष्पादि द्रव्य चढावे (अथवा) सर्वकों एक द्रव्य सर्व समान चढावे (यथा) 3 इंद्रायनमः ॥१॥ कनकवर्ण । चंदन, केशर, चंपो, द्राख, पीलोवस्त्र, पान, सुपारी, रोकनाणो, आदि सर्व द्रव्य चढावे * ॥ १ ॥ (अग्निकूणे), अग्नयेनमः ॥२॥ रक्तवर्णका वस्त्रादिक द्रव्य चढावे ॥ २ ॥ ( दक्षिणदिशि) ॐ यमायनमः ॥३॥ कालेवर्णका वस्त्रादि द्रव्य चढावै ॥३॥ ( नेस्तकूणे ) न नैश्तायनमः ॥ ४ ॥ धूसरवर्णका वस्त्रा दिक द्रव्य चढावे ॥ ( पश्चिमदिशि ) वरुणायनमः॥ धूसरवर्णका सब द्रव्य चढावे ॥५॥ (वायवकूणे) वायवेनमः ॥६॥ नीलवर्णका वस्त्रादिक द्रव्य चढावे ॥६॥ (उत्तरदिशि) ॐ कुबेरायनमः॥७॥ सपेद वर्णका वस्त्रादिक द्रव्य चढावे ॥७॥(ईशानकूणे) ईशानायनमः॥८॥ सपेद वर्णका वस्त्रादिक द्रव्य चढावे ॥ ८॥ ( अधोदिशिः ) नागायन मः॥९॥ सपेदवर्णका वस्त्रादिक द्रव्य चढावे ॥ ९ ॥ ( ऊपदिशि ) मस्तके । ब्रह्मणेनमः ॥ १० ॥ सपेदवर्णका वस्त्रादि सर्व द्रव्य चढावे ।। इसीतरे दशदिग्पालको स्थापन पूजन करै ॥ ॥ (पीछे) नीचे पीदी स्थानकके बीचमें ९ कोठा किया हुवा है ( जहां ) नवग्रहकी स्थापना पूजा करै ॥ ( यथा ) सूर्यायनमः ॥ १॥ लालवर्णका वस्त्रादिक द्रव्य चढावे ॥ १ ॥ सोमायनमः ॥ सपेदवर्ण वस्त्रादिक द्रव्य चढावे ॥२॥
नोमायनमः ॥ लाल रंग वस्त्रादिक द्रव्य० ॥३॥नबुधायनमः॥४॥