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मोहनगुणमाला प्रथमनाग सूचीपत्र ॥ १९३॥ भक्तामर प्रणतमौलि मणिप्रनाणा० स्तोत्र । .... २१७ ॥ १९४ ॥ कल्याण मंदिर मुदार मवद्यनेदी स्तोत्र । ॥१९५ ॥ वृक्ष सेवेंजरासा श्रीरिसहेसर पायनमी०। .... २२३ ॥१९६ ॥श्री शिखरजी को मोटो रास। .... .... ॥१९७॥ श्री गौतम स्वामीको रास। .... ॥१९८॥श्री गौतम स्वामीके श्लोक। .
॥ ॥ पनरैतिथकी थुई सरू ॥१॥ ॥२०१॥ पंच विदेह (समदमोत्तम० ) वर मुत्तिय० । ॥२०२ ॥ (यदंजिनमनादेव.) .... .... .... ॥ २०३॥ विश्वनायक लायक०, अजितजिन स्तुति। .... २४३ ॥२०४॥ सुखसमकित दायक कामित सुरतरुकंद। ॥२०५॥ मिल चौविह सुरवर विरचै त्रिगमोसार । ॥२०६॥ सुरअसुर वंदिय पायपंकज नेमिजिन स्तुति । ॥ २०७॥ श्री देवार्य (विश्वेवर्य पूर्णानंदं)। .... ॥२०८॥ त्रिनुवन जन नायक दायक। .... .... २४५ ॥२०९ ॥ श्री सर्वझंज्योतीरूपं विश्वाधीशं देवेंद्र। .... ॥२१०॥ पापायां पुरिचारु, दीपमाला स्तुति। ..... ॥२११॥ सिघारथताता दीपमाला स्तुति। .... २४७
॥॥ मोटे गेटे स्तवन सरू ॥ * ॥ .॥२१३ ॥ मनमोहन महाराज । तीन नुवन शिरताज । २४७
॥२१३ ॥ जय २ श्री जिनराज । जगजनअंतरजामी । २४८ ॥२१४॥विका श्री जिन बिंब जुहारो। ....
२४८ ॥२१५ ॥ अंतर जामी सुण अलवेसर । ....
२४९ ॥२१६ ॥ जयकारी जिनराज पुरसा दानीरे । .... २४९ ॥२१७॥ सुण सुण शेजागिर स्वामी । .... ........ २५० ॥२१८ ॥ घर अंगण सुरतरु फल्योजी । ..... ॥२१९॥ मोरा साहिबहो श्री शीतलनाथकि।
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