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अभिनव प्राकृत-व्याकरण
तृ० तइया - ण, गं हि, हिं च० चउत्थी
.......स्स, आय- ण, पं० पंचमी
आदु, आदो आदो, तो, हितो, संतो, हि प० छट्ठी
ण, णं स० सत्तमी सि, म्मि
वीर शब्द के रूप एकवचन
बहुवचन प० वीरो
वीरा बी० वीरं
वीरे, वीरा त. वीरेण, वीरेणं वीरेहि, वीरेहि च० वीराय, वीरस्स वीराणं, वीराण ५० वीरादो, वीरादु वीरादो, वीराहितो, वीरासंतो, वीरेहितो,
वीरेसंतो छ० वीरस्स
वीराण, वीराणं स० वीरंसि, वीरम्मि वीरेसु, वीरेखें इसी प्रकार सभी आकारान्त शब्दों के रूप बनते हैं।
इकारान्त और उकारान्त शब्दों के विभक्ति चिन्ह एकवचन
बहुवचन ५० दीर्घ
अउ, अओ, णो बी० अनुस्वार
णो, दीर्घ त० णा
हि, हिं च० णो, स्स
ण, णं प० दो, दु
तो, ओ, उ, हितो, संतो छ० णो, स्स
ण, णं स० सि
सु, सं शौरसेनी में इसि <ऋषि शब्द के रूप एकवचन
बहुवचन प० इसी
इसउ, इसओ, इसिणो वी० इसिं
इसिणो, इसी इसिणा
इसीहि, इसीहि