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अभिनव प्राकृत-व्याकरण
२०७
पुल्लिङ्ग इक, एक, एग, एअ (एक) एकवचन
बहुवचन प०-एगो, एओ, एक्को; एक्कल्लो एगे, एए; एक्के; एकल्ले वी०-एगं, एअं; एवं, एक्कल्लं एगे, एगा, एए, एआ; एक्के, एक्का;
एक्कल्ले, एक्काला शेष रूप सव्व शब्द के समान होते हैं। स्त्रीलिङ्ग एगा, एआ, एका, एकल्ला (एका) एकवचन
बहुवचन प०–एगा, एआ; एक्का, एक्ला एगाओ, एगाउ, एगा; एआओ, एआर,
एआ, एक्कामो एक्काड, एक्का;
एक्कालाओ, एक्कल्ला वी०–एगं, एअं
एगाओ, एगाउ, एगा; एआओ, एआउ, एक्कं, एक्कल्लं एआ; एक्काओ, एक्काउ, एक्का,
एक्कल्लाओ, एक्कल्ला शेष रूप सव्वा शब्द के समान होते हैं। नपुंसकलिङ्ग--एग, एअ, एक, एकल्ल (एक) एकवचन
बहुवचन प०-एग
एगाई, एगाइँ, एगाणि एअं
एआइ, एआई, एआणि
एक्काई, एक्काई, एक्काणि एक्कल्लं
एक्कालाई, एकलाई , एक्कल्लाणि वी०-एगं
एगाई, एगाइँ, एगाणि एअं
एआई, एआई, एआणि
एक्काई, एक्काइँ, एक्काणि एक्कल्लं
एक्कल्लाई, एक्कल्लाई, एक्लाणि सं० हे एग
हे एगाई, एगाई, एगाणि हे एअ
हे एआई, एआइ, एआणि हे एक्क
हे एक्काई, एक्काई, एक्काणि
हे एककल्लाई, एक्कलाइँ, एककल्लाणि शेष रूप पुल्लिङ्ग के समान होते हैं।
हे एकल