SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 116
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नरिक्षरिदा श्री पतिरतनुतनुः पानी स्तम्भ दामात् । त्रावतचक्रमर्मी नसुरहति पटुन पत्र्यशारवाम्वन्वः । फेनौ लंबुसंबंबिडरति निलसहलालगोपालत्मीलो। यस्याः मूत्तिः सुरवसा जलसममयी रातुरलोकेश पुत्र्याः । (भ्य) निर्मातुं सप्त तन्तुः नजिातिभुरभ्युमाएत्माटीदा। स्थानेकुवेव कुत्रादृतगतिरिनास्फस्पष्टरूपं सुर्व या पत्तेमन्नान्नरला बहुविहित वृहद विश्व झायोदयालु देवात्सा नीरत्ति कमरदानुल बिता भारती का जालालिीघंटमाला वलयगवलमियोग पसुवासः । ग्रेसी गंगा प्वजेन्दु गलगलयुग नीरसगिनीलकण्ठः । लोकेऽसित विस्वरत्वेन्नीश्वरत्व दधदिवनसुप्पामस्मले पंकथंयत सीमास्मो नितारस्थोपेन्द्रसचारमपिवहतुसा शारदा चामता का
SR No.032031
Book TitleSarasvatina Bhinna Bhinna Swarupo
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages124
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationBook_Gujarati & Book_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy