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________________ मूर्ति-व्याख्या १२७ स्वच्छ सङ्गमर्रर पर खुदी यह प्रतिमा शिरोभूषण तथा अन्य आभूषणों को धारण किए हुए है। यह दो अन्य वीणा बजातो हुई स्त्री-प्रतिमाओं से संयुक्त है । दाता तथा उस की पत्नी स्तुति में इस के चरणों में पड़े हैं। सामने आधार-स्थल पर हंस चित्रित है। प्लेट ७ : एक दूसरी सरस्वती की प्रतिमा ऊपर के सभी प्रतिमा-सिद्धान्तों के साथ बीकानेर संग्रहालय में प्रदर्शित है। प्रतिमा एक प्रभातोरण रखती है, जो विभिन्न जैन देवियों को प्रदर्शित कर रही है। प्लेट ८ : दो हाथों वाली पुष्टि की टूटी हुई प्रतिमा विष्णु की पत्नियों में से एक है । यह अपने हाथों में वीणा को धारण किए हुए है। प्लेट ६ : ललितासन में बैठी सरस्वती अपनी प्रिय वीणा बजा रही है। इस का ऊपरी दाहिना हाथ टूटा हुआ है तथा नीचे के वाम हाथ में पुस्तक है। सामने हंस तथा दो भक्त अञ्जलि-मुद्रा में प्रदर्शित हैं। प्लेट १० : काँस की निर्मित सरस्वती की दो हाथों की प्रतिमा अपने गोद में वीणा बजा रही है। यह दो पुरुष-प्रतिमाओं से संयुक्त है, जो बाँसुरी तथा मंजीरा बजा रहे हैं । इस का वाहन सामने दाहिने ओर प्रदर्शित है । प्रभामण्डल प्रज्ज्वलित परिधि वाला है । प्लेट ११ : यह सरस्वती दुहरे कमलासन पर स्थित है। यह अपने ऊपरी हाथों में अक्षमाला तथा पुस्तक धारण करती है तथा इस के नीचे के हाथ वीणा धारण करते हैं। इस के केश धम्मिल-पद्धति में गुम्फित हैं। यह अनोखे आभूषणों को धारण किए हुए है। उस का वाहन हंस के स्थान पर भेंडा है। प्लेट १२ : दो हाथों वाली सरस्वती अपने हाथों से वीणा बजा रही है। यह उस समय के आभूषणों के साथ-साथ साड़ी धारण किए हुए है, जो मेखला से आबद्ध है। प्लेट १३ : यह नृत्य करती हुई सरस्वती है, जिसका दाहिना पद भूमि पर है, वाम उठा हुआ है तथा जानु पर झुकी हुई है। आम्र-वृक्ष के नीचे प्रदर्शित बहुहस्त-देवी अक्षमाला, अकुश, पुस्तक तथा वीणा धारण किए हुए है । यह आभूषणों से लदी हुई है। प्लेट १४ : भारत के अन्य भागों की अपेक्षा सरस्वती कर्नाटक में मूर्ति-विद्या-सिद्धान्तों के अनुसार अधिकतर नृत्य करती हुई मुद्रा में प्रदर्शित है। उत्तर भारत में सम्भवतः नर्तन करती हुई सरस्वती केवल रायपुर में हार्सलेश्वर मन्दिर में उपलब्ध है (म० प्र०, परमार, ११वीं शताब्दी)।
SR No.032028
Book TitleSanskrit Sahitya Me Sarasvati Ki Katipay Zankiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuhammad Israil Khan
PublisherCrisent Publishing House
Publication Year1985
Total Pages164
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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