________________
माँ सरस्वती
५१
माँ सरस्वती की विशिष्ट पूजा
१) प्रथम सामुहिक ३ नवकार गीने । (देखो पृष्ठ क्र. ६२)
२) पश्चात् 'अर्हन्तो भगवंत इन्द्र महिता' स्तुति द्वारा पंच परमेष्ठि की स्तुति करें । ३) पश्चात् 'चत्तारी मंगलं... चत्तारी लोगुत्तमा... चत्तारी सरणं' का स्मरण करे |
श्री सरस्वती साधना विभाग
४) पश्चात् (कोई भी ५) भाववाही प्रभु-स्तुति बोले और...
अष्टप्रकारी पूजा करे
५) तीर्थंकर परमात्मा की अष्टप्रकारी पूजा याने
१) जल पूजा,
३) पुष्प पूजा ५) दीपक पूजा ७) नैवेद्य पूजा
।
२) चंदन पूजा
४) धूप पूजा
६) अक्षत पूजा
८) फल पूजा
श्रुतदेवी माँ शारदा की पूजा विधि
१) माँ शारदा की मूर्ति (फोटो अथवा यंत्र) पूर्व या उत्तरदिशा में स्थापन
करे |
२) माँ शारदा की स्तुति - स्तवनादि करके भावपूर्वक अष्टप्रकारी पूजा प्रारंभ करे |
३) महामंत्र गर्भित श्री सरस्वती स्तोत्र की गाथा बोलते हुए अष्टप्रकारी पूजा करे । १ श्लोक...मंत्र...२७ डंके... और क्रमसे एक-एक पूजा इस विधि से स्वद्रव्य एवं श्रेष्ठ द्रव्य से (हो सके तो नित्य) अष्टप्रकारी पूजा करे ।
१) जल पूजा
श्लोकः ॐ ऐं ह्रीँ श्रीँ मंत्र रुपे, विबुध जन नुते, देव देवेन्द्र वंद्ये, चंच च्चंद्रा वदाते, क्षिपित कलि मले, हार- नीहार गरे । भीमे भीमाट्ट हास्ये, भव भय हरणे, भैरवे भीम वीरे, हाँ ह्रीँ हूँकार नादे, मम मनसि सदा, शारदे देवि तिष्ठ ||१|
मंत्र : ॐ ह्रीँ श्रीँ सरस्वती देव्यै जलं समर्पयामि स्वाहा ।