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३७ ३६ श्री हमीर ३७ श्री खेतसिंह ३८ श्री लक्ष्महूय नरेंद्र ३९ नंदन सुवर्ण तुलादि दान पुण्य परोपकारादि सारगुण सुर द्रम विश्राम नंदन श्री मोकल महिपति ४० कल कानन पंचाननस्य । विषम तमा भंग सारंगपुर नागपुर गागरण नराणका अजयमेरु मंडोर मंडलकर बूदि खाटु चाट सुजानादि नाना दुर्ग लीला मात्र ग्रहण प्रमाणित जित काशित्वाभि मानस्य । निज भुजोर्जित समुपार्जितानेक भद्र गजेन्द्रस्य म्लेंच्छ महिपाल व्याल चक्रवाल विदलन विहंगमेन्द्रस्य । प्रचंड दोर्दड खंडिताभिनिवेश नाना देंश नरेश भाल माला ललित पादारविंदस्य । अस्खलित ललित लक्ष्मी विलास गोविंदस्य । प्रबल पराक्रमांत ढिल्ली मंडल गुर्जरत्रा सुरत्राण दत्तात पत्त प्रथित हिंदु सुरत्राण विरुदस्य सुवर्ण सत्रागारस्य षड्दर्शन धर्माधारस्य चतुरंग वाहिनी वाहिनी पारावारस्य कीर्ति धर्म प्रजा पालन सत्रादि गुणक्रियमान श्रीराम युधिष्ठिरादि नरेश्वरानु कारस्य राणा श्री कुंभकर्ण सर्वोर्विपति सार्वभौभस्य ४१ विजयमान राज्ये तस्य प्रसाद पात्रेण विनय विवेक धैर्योदार्य शुभ कर्म निर्मलं शीला द्यद्भुत गुणमणीमया भरण भासुरगात्रेण श्रीमदहम्मद सुरत्राण दत्त फुरमाण साधु श्रीगुणराज संघ पति साहचर्य कृताश्चर्यकारी देवालयाडंबर पुरासर श्रीशत्रंजयादि तीर्थ मात्रेण अजाहरी पिंडर वाटक सालेरादि बहुस्थान गवीन जैन विहार जीर्णोद्धार पदस्थापना विपम सषय सत्रागार नाना प्रकार परोपकार श्री संघ सत्काराद्य गण्य पुण्य महार्थ क्रयाणक