________________ ज्ञानविधि ज्ञानविधि, अनंत जन्मों से अपने निज स्वरूप की, आत्मस्वरूप की अनुभूति के लिए प्यासे मुमुक्षुओं के लिए ज्ञानी पुरुष परम पूज्य दादा भगवान की अक्रम विज्ञान के माध्यम द्वारा आत्मसाक्षात्कार पाने के लिए दी गई अनमोल भेंट है। ज्ञानविधि, 'मैं'(आत्मा) और 'मेरा'(मन-वचन-काया) के बीच भेदरेखा डालने वाला, ज्ञानी पुरुष की विशेष आध्यात्मिक सिद्धि के द्वारा होने वाला ज्ञानप्रयोग है। इस आत्मज्ञान से शाश्वत आनंद की प्राप्ति होती है और चिंताओं से मुक्त होते जाते हैं। सांसारिक संबंध शांतिमय होते जाते हैं और व्यवहारिक उलझनों का समाधान प्राप्त करने में उपयोगी साबित होता है। - दादाश्री ISINATION2128-373 Printed in India dadabhagwan.org MRP 10