________________ आप्तवाणियाँ हैं आधुनिक शास्त्र! जगत् का उदय अच्छा हो, तब 'जानीपुरुष' प्रकट हो जाते हैं और उनकी देशना' ही श्रुतज्ञान' है। उनके एक ही वाक्य में सभी शास्त्र पूर्णरूप से आ जाते हैं! शास्त्रों में लिखा है कि सत्य बोलो।' तब लोग कहते हैं कि, 'हम सत्य नहीं बोल पाते। इसलिए अब कोई कलियुगी शास्त्र दे तो काम होगा।' कलियुग का असर न हो और मोक्ष में ले जाए अब ऐसे शास्त्र लिखे जाएंगे। शास्त्रों की बातें तो पुरानी दवाई हो गई, अब नई दवाई की जरूरत है। यह साइन्स सही समय पर आई है, यानी कि कुछ और ही विज्ञान है यह। यह आप्तवाणी तो नये शास्त्र लिख दे, ऐसी बात है। वर्ना इतने सारे शास्त्र हैं, उनका कब पार आए? इससे तो एक ही घंटे में सारा विज्ञान समझ सकते हैं। - दादाश्री आत्मविज्ञानी ए. एम. पटेल के भीतर प्रकट हुए दादा भगवानना असीम जय जयकार हो 9784862128915 Printed in India dadabhagwan.org Price 100