________________ आप्तवाणी लाई है युग परिवर्तन "यह युग परिवर्तन हो रहा है। धर्म का युग परिवर्तन हो रहा है। उसीके बारे में ये पुस्तकें हैं। वर्ना यह आप्तवाणी-३ तो अहोहोहो.... हो गई है बात! पहली और दूसरी आप्तवाणियों में तो शास्त्रों का वर्णन किया है। यानी कि इस जगत् का वर्णन किया है और तीसरी और चौथी में आत्मा के बारे में स्पष्टीकरण दिया है। अभी तो और सब जो आएंगी वे अलग ही प्रकार की आएंगी। पहली और दूसरी में तो 'जगत् क्या है, हमें क्या लेना-देना', वह बताना चाहते हैं और इस तीसरी आप्तवाणी ने आत्मा के स्पष्टीकरण दिए है। इसीलिए तो सब तरफ चर्चा हो रही है न!" - दादाश्री आत्मविज्ञानी 'ए. एम. पटेल' के भीतर प्रकट हुए दादा भगवानना असीम जय जयकार हो ISBN78-99321500 Rs70 9789382128 Printed in India