________________ पोतापणुं राजीपा पुरावे संवर नोंध नियाणां : मैं हूँ और मेरा है, ऐसा आरोपण, मेरापन : गुरुजनों की प्रसन्नता : सरकमस्टेन्शियल एविडेन्स : शुद्ध उपयोगपूर्वक कर्म की निर्जरा जिससे नये कर्म चार्ज नहीं होते : अत्यंत राग अथवा द्वेष सहित लंबे समय तक याद रखना, नोट करना : अपना सारा पुण्य लगाकर किसी एक चीज़ की कामना करना : जान-बूझकर किसी को परेशान करने के लिए किया गया फजीता, नाटक : मालिक की गफलत की वजह से मवेशी का भूखा रहना : भविष्य में फल देनेवाले कर्मों को समय से पहले जगाकर वर्तमान में खपाना तायफा ढोरलांघण उद्दीरणा