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________________ 54 नमस्कार बालावबोध [ गुजराती वाहि-जल-जलण-हरि-करि-तकर-संगाम-विसहरभयाई / नासंति तक्खणेणं, जिणनवकारप्पभावेणं // 1 // जो गुणइ लक्खमेगं पूऍइ विहीऐ जिणनमुक्कारं / तित्थयरनामगोयं सो बंधइ नत्थि संदेहो // 2 // अट्ठेव य अट्ठसया असहस्सं तु अट्ठकोडीओ। जो गुणइ भत्तिजुत्तो सो पावइ सासयं ठाणं // 3 // . ए नमस्कारतणूं फल जाणिवउं / ए पंच परमेष्ठिभाहिं कुण वडा, सिद्ध वैंडा, कहीइ तु पहिलूं अरिहंतनई नमस्कार कीजैइ / पछेइ सिद्ध नई नमस्कार कीजइ ते स्या भणी जेह भणी आपणअरिहंतनइ उपदेसिइं सिद्धनइं जाणीइ / जे अरिहंत बोलइ, मार्ग देखाडइ, ते मुख्य तेह भगी सिद्ध वडाई मूंकी अरिहंतनइं धुरि नमस्कार करीइ / अनइं अरिहंत चारित्र लेतां नमो सिद्धाणं कही सामायकत्रत ऊचरेई तेह भणी सिद्ध वैडा जाणवा // इति नवकार बालावि(व)बोध समाप्त // ___ संवत् 1677 वर्षे चौते ( चैत्री) शुदि बुधवार लिखितं / वीररत्न // 1. जे A / 2. गुणई B / 3. मेयं B | 4. पूयई B / 5. विहीइ B / 6. तणो BI 7. वओ B / 8. पांच B / 9. कुंग वडो B / 10. वडा, किस्या भणी पहिलउ B| 11. अरिहंत नम' B / 12. करीई B / 13. पछ[इ] सिद्धनइ की नई तेह भणी आपणि अरि° B / 14. देशइ करी सिद्ध जाणीइ अनइ जे वोलइ B | 15. वडा मूकी धुंउ अरि अरिहंतनइ नमस्कार करीई B | 16. अनइ B | 17. व्रत B / 18. कहीइ B / 19. उच्चरइ B / 20. वडा कहीयई B / 21. इति श्रीनमस्कार बाला[व]बोधसं पूर्णमिति // लेखक-पाठकयोः सुखी, खं) भवतु / श्री //
SR No.023548
Book TitleNamaskar Swadhyay Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTattvanandvijay
PublisherJain Sahitya Vikas Mandal
Publication Year1980
Total Pages370
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size38 MB
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