________________ 24) [हिन्दी णमोकारमाहात्म्य (प्रति-परिचय) चारुदत्त पै बनिकने, पायो कूप मंझार / परबत उपर छागने, भयो युगम सुर सार // 8 // नाग नागनी जलत हैं, देखो पार्थ जिनेंद्र / मंत्र देत तब ही भये, पद्मावती धरणेंद्र // 9 // चेलेमें हथनी फंसी, खग कीनो उपकार / भव लैके सीता भई, परम सती संसार // 10 // जल मांगे सूली चढयो, चोर कण्ठगत प्राण / मंत्र सिखायो सेठने, लह्यो सुरग सुख थान // 11 // चंपापुरमें ग्वालिया, पोषे मंत्र महान / सेठ सुदर्शन अवतर्यो, पहिले भव निरवाण // 12 // मंत्र महातमकी कथा, नाम-सूचना येह / श्रीपुण्याश्रव ग्रन्थमें, व्योरो सो सुन लेय // 13 // सात व्यसन सेवत हटो, अधम अंजना चोर / सरधा करते मंत्रकी, सीझी विद्या जोर // 14 // जीवक सेठ समोधियो, पापाचारी स्वान / मंत्र प्रतापे पाइयो, सुन्दर स्वर्ग विमान // 15 // आगे सीझे सीझ है, अहवा सीझें निरधार / तिनके नाम बखानते, कोइ न पावे पार // 16 // बैठत चलते सोवते, आदि अन्त लो धीर। इस अपराजित मंत्रको, मति विसरो हो वीर // 17 // सकल लोक सब कालमें, परमागममें सार / भूधर कबहु न भूलिये, मंत्रराज मन धार // 18 // For.