________________ ( 197 ) कटारियामंडन-श्रीमहावीरजिन-स्तवनम् / देशी-बिहाग. श्रीवीरजिणंद भगवान, भवदधि पार करो // टेर // कटारिया में आप बिराजे, श्वेत वरण छबी जग में गाजे / कर्म कठिण को ततखिण भांजे, जो सेवे गुणवान, भवदधि पार करो // श्री० // 1 // तूं तारक मैं याचक तेरा, करदे बेडा पार हो मेरा। संसार मायाने मुझे घेरा, करो सुबुद्धि निधान, भवदधि पार करो // श्री० // 2 // अष्ट करम रिपु दूर हटाया, शुभध्याने प्रभु केवल पाया। यश तोरा आलम में गवाया, नित्य धोदरिशन दान, भवदधि पार करो // श्री० // 3 // श्रीमद्म॒रिराजेन्द्रजी राया, प्रेमे श्रीवीरप्रभु गाया। यतीन्द्रमुनि तुम लागे पाया, मेरे यूँ दिल में महान, भवदधि पार करो // श्री०॥४॥