________________ ( 124 ) रोशनी, और पक्की सडकों से शोमित है। शहर की जनसंख्या 35000 के अन्दाजन है और इसमें वीसा पोरवाड, वीसा श्रीमाली तथा दशा श्रीमाली महाजनों के 500 घर हैं, जो देहरावासी, स्थानकवासी और वैष्णव; इन तीन संप्रदायों में विभक्त (वंटे हुए) हैं / जैनयात्रियों को उतरने के लिये यहाँ दो बडी दो मंजिली धर्मशाला बनी हुई हैं और दो शिखरबद्ध जिनालय हैं। बडाजिनालय त्रिशिखरी विशाल है, जिसमें मूलनायक श्रीमहावीरप्रभु की श्वेतवर्ण प्राचीन प्रतिमा सपरिकर विराजमान है / इसमें पाषाणमय 37, धातुमय 51, धातु की पंचतीर्थयाँ 36 और गट्टाजी 13 जिनप्रतिमा स्थापित हैं। इसके बाह्यभाग में श्रीनेमनाथजी की श्वेतवर्ण दो हाथ बडी प्राचीन प्रतिमा स्थापित है, जो सर्वाङ्ग सुंदर है / दूसरे जिनालय में मूलनायक श्रीआदिनाथ की और दूसरी 7 जिनप्रतिमा विराजमान हैं। 17 वडाल यहाँ वीसा श्रीमाली मूर्तिपूजक जैनों के 8 और दशा श्रीमाली स्थानकवासियों के 50 घर हैं / एक उपाश्रय और उसीके पास एक गृहमंदिर है, जिसमें श्रीअजितनाथ आदि की तीन पाषाणमय प्रतिमा विराजमान हैं।