________________ ( 123 ) विराजमान है / जो जैन यात्री ऊपर से यात्रा करके नीचे आते हैं, उनको यहाँ भाता दिया जाता है / इसके पास ही गिरनार जैनजीर्णोद्धार कमेटी के हस्तक का भोजनालय है, जिसमें जैनयात्रियों और साधु-साध्वियों को भोजन (आहार) मिलने का अच्छा प्रबंध है। यहाँ दिगम्बर-जैनमन्दिर और दिगम्बर-जैनधर्मशाला भी है, जिसमें दिगम्बर जैनयात्रियों के लिये सभी तरह का प्रबंध है। 16 जूनागढ___ इसका प्राचीन नाम जीर्णदुर्ग है, जिसका द्योतक वर्तमान जूनागढ के पास किला भी मौजूद है, जो जूनाकोट, या जूना किला के नाम से प्रसिद्ध है / जूनागढ के भी चारो तरफ नया किला-कोट बांधा हुआ है, जिसके चार बडे दरबाजे हैं और हरएक दरवाजा पर सरकारी पहरादार नियत हैं / काठियावाड एजन्सि में यह प्रथम दर्जे का संस्थान (राज्य) है, और इसका विस्तार 3283 चोरस माइल का, तथा इसकी जनसंख्या 433000 अन्दाजन है। इसमें गिरनार 1, गिर 2, सपाट 3, नांघेर 4, और घेडओझतमुख 5; ये पांच विभाग (प्रदेश) हैं। यह संस्थान पश्चिमकाठियावाड के दक्षिण पोरबंदर और अमरेली प्रान्त के मध्य में है। जूनागढ इसकी राज्यधानी का मुख्य शहर है, जो सर्वत्र जल के नल, इलेक्ट्री की