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________________ (86) 62 खोराणा-- यहाँ स्थानकवासी जैनों के तीन घर और एक थानक है / यहाँ के जैन बिलकुल सामान्य स्थिति के हैं, साधु साध्वी को पाहार पानी देने तक की इनकी सत्ता नहीं है / मन्दिरमार्गी साधु साध्वी दर किनारे रहे, परन्तु स्थानकवासी साधु आर्याओं को भी पूरी मुसीबत उठाना पडती है। 63 बांकानेर___ यह कसबा मच्छुनामक नदी के किनारे पर बसा हुआ है, जो अच्छा रवन्नकदार और शहर के समान है / यहाँ पक्की सडक बनी हुई है और रल्वेस्टेशन, पोष्टऑफिस भी है / यहाँ श्वेताम्बरजैनों के 125 घर, स्थानकवासीजैनों के 125 घर, एक दो मंजिला फेन्सी उपासरा, एक धर्मशाला और एक ही कमरे में शिखरबद्ध दो जिन मन्दिर हैं जिन में मूलनायक भगवान् श्रीअजितनाथस्वामी और शान्तिनाथस्वामी की भव्यमूर्तियाँ स्थापित हैं / यहाँ एक जैनसंगीतमंडली भी है जो गुजरात काठीयावाड के कई गाँवों में उस्सवों पर जाती है और अपने संगीत-गुण के कारण सर्टिफिकेट प्राप्त करती है / यहाँ पुस्तक भंडार, जैनपाठशाला, और लायब्रेरी भी है। यहाँ के जैन धर्मप्रेमी, गुणग्राही, भक्तिवान और समझदार है। 64 लूणसरी-- यहाँ स्थानकवासीजैनों के 10 घर, श्वेताम्बरजैन का 1 घर और एक छोटा उपासरा है। यहाँ के जैन साधु और साध्वियों
SR No.023534
Book TitleYatindravihar Digdarshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindravijay
PublisherSaudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
Publication Year1925
Total Pages318
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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