________________ ( 90 ) समें विद्यार्थियों को धर्मक्रिया के सिवाय सार्थ छः कर्मग्रन्थ तक अभ्यास कराया जाता है और पढ़ानेवाले प्रज्ञाचक्षु सुखलालजी पंडित हैं जो जैनप्रकरण अन्थों के अच्छे ज्ञाता हैं। यहाँ के जैनी गुणग्राही, धर्मानुरागी और विद्याप्रेमी हैं। 73 धामा यहाँ श्वेताम्बर जैनों के 7 घर और एक उपासरा है। साधु साध्वियों को यहाँ किसी तरह की तकलीफ नहीं पडती क्योंकि यहाँ के थोडे घर होने पर भी श्रावक भावुक हैं और अंतरंगभाव से भाक्त करने वाले हैं। एक छोटे मंदिर में श्रीशान्तिनाथ भगवान् की भव्य प्रतिमा बिराजमान है जो दर्शनीय है / 74 भादरियापुं इसमें श्वेताम्बर जैनों के 36 घर, एक उपासरा और एक प्राचीन जिनमन्दिर है जिसमें मूलनायक भगवान् श्री शांतिनाथ स्वामी की भव्य मूर्ति स्थापित है / यहाँ के जैन विवेकशील, भक्तिशील और धर्मजिज्ञासु हैं। 75 पवित्रतीर्थ-श्रीशंखेश्वर___मुंड स्टेशन से 15 कोश और हारिजरोड से 6 कोश खुरकी रास्ते यह तीर्थ स्थान है। यहाँ एक छोटा गाँव है जो शंखेश्वर नाम से प्रसिद्ध है / इसका ऐतिहासिक वृत्तान्त इस प्रकार हैं कि-जो पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा यहाँ विद्यमान है उसको भरतक्षेत्र की गत की चोवीसी के नोवें तीर्थकर श्रीदामोदर भगवान्