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________________ इसमें मूलनायक भगवान् श्रीकुन्थुनाथस्वामी की भव्य और दर्शनीय मूर्ति विराजमान है। 70 देहगाम इस छोटे गाँव में श्वेताम्बरजैनों के 8 घर और सरकारी एक स्कूल है / स्कूल में उतरने की अच्छी जगह है / इस के सिवाय ठाकुरजी का मन्दिर भी विश्राम करने योग्य है / यहाँ के जैन अतिश्रद्धालु, भावुक और भक्तिवाले हैं / 71 ओडु यहाँ श्वेताम्बरजैनों के 12 घर, एक उपासरा, एक छोटी सराय और एक जिनमन्दिर है जिसमें श्रीशान्तिनाथ भगवान् की भव्य मूर्ति स्थापित है। देहगाम और इसके बीच रास्ते में तीन कोश चौडी खारी आती है जिसमें सामुद्रनमक तैयार होता है / रास्ते की जमीन इतनी खारी है कि-जिस में चलने से पैरों की चमडी फट जाती है / 72 झींझूवाड़ा___ यह एक छोटा कसबा है जो पुराना है, इसके इर्द गिर्द पुराना कोट और उस के दर्बाजे अब भी टूटी फूटी दशा में मौजूद हैं, जो इस कसबे की प्राचीनता के द्योतक हैं। यहाँ श्वेताम्बर जैनों के 100 घर, एक उपासरा, एक धर्मशाला और एक सुन्दर शिखर वाला जिनमन्दिर है जिस में मूलनायक भगवान् श्रीमहावीर स्वामी की दिव्य मूर्ति बिराजमान है जो प्राचीन और दर्शनीय है / यहाँ एक जैन पाठशाला भी है जि
SR No.023534
Book TitleYatindravihar Digdarshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindravijay
PublisherSaudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
Publication Year1925
Total Pages318
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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