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________________ सेठिया जैन ग्रन्थमाला ही तुरंत खाई में कूद पड़ा-शत्रु की सेना को भगाकर डेनमार्क पर अपना झण्डा गाड़ दिया। अन्त में डेनमार्क के सम्राट ने सारा खर्च और हर्जाना देकर मेल कर लिया। - इधर यह हो रहा था उधर रूस ने इसकी अनुपस्थिति में 80 हजार से भी अधिक सेना लेकर स्वीडन पर चढ़ाई कर दी। इधर चार्ल्स के पास केवल 13 हजार सेना थी जिसमें से 5 हजार पैदल और 3300 सवार तथा 37 तोपें लेकर उसने इतनी तेजी से शत्रु पर धावा किया कि रूसी सेनापति शेरमतोक' ने परास्त होकर यह प्रसिद्ध किया कि चार्ल्स के पास इस समय 20 हजार चुने हुए सैनिक हैं। रूसी सेना में सय ला छा गया / उसका चीर सम्राट पीटर भी सर थामकर बैठ गया। इसके बाद फिर नारवे में एक गहरी लड़ाई हुई जिसमें चारस की वीरता देखने ही योग्य थी। सेना में यह सबसे आगे था उसके सर के शिरस्त्राण में गोली लगी,तलवार टूट गयी, एक पैर का जूतागिर गया फिर भी वह एक ही जूता पहने लड़ता रहा / रुसी शत्रु को पन्द्रहगुनी सेना के बीच में डरकर उसने जो धीरता दिखायी बह यूरप के इतिहास में एक स्मरणीय घटना है / पहले दिन पसी सेना के बहुत सैनिक मारे गये। दूसरे दिन पैदल सेना ने हथियार डाल दिया और घुड़सवार सेना भाग गयी। इन दधियार रख देने वाले कैदियों को संख्या 18 हजार से भी ज्यादा थी। प्रतएव चार्ल्स ने उनके कवच तथा हथियार लेकर सबको छोड़ दिया, केवल बड़े बड़े अफसर बन्दी किये गये। अब वह पोलैण्ड की मोर मुड़ा और वहां के राजा को परास्त करके दूसरेराजाका गद्दी पर बैठाया / इसी प्रकार जीवन भर वह लड़ता ही रहा, लड़ने में उसे प्रानन्द मिलता धा / युद्ध को वह खेल समझता था।
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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