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________________ सेठियाजनप्रन्यमाना ... 51 कपड़े हमेशा साफ सुथरे पहिनो / कम कीमत के मोटे भले ही हों, किन्तु साफ हो / बहुमूल्य रेशम या मखमल के फटे और मैले न हों। ...52 फटे हुए कपड़ों को सिलाकर पहिनना ठीक है। सिले. हुए पैबन्द लगे कपड़ों को पहिनने में कोई शर्म की बात नहीं है। हाँ, फटे, लटकते हुए और मैले कपड़ों को पहिनना ठीक नहीं है। . ... "53 किसी से कोई वस्तु लेकर मजाक में भी उसे लौटाते समय फेंकना नहीं चाहिये / इस तरह की बेपरवाही से लोग असभ्य समझे जाते हैं। जिस तरह नम्रता दिखाकर उसे लिया था उसे उसी भावना के साथ लौटामो। कई लोग पुस्तक को लेकर लौटाते समय फेंक देते हैं, यह ठीक नहीं है, क्योंकि इस तरह पुस्तक फट जाती है- जिल्द टूट जाती है। . .... ... '54 सवारी में बैठे हुए के लिये , वृद्ध, रोगी, स्त्री, स्नातक, अंधा, लैंगड़ा, दूलह, राजा, गुरु आदि बड़े जन और बोमवाले के लिये रास्ता छोड़ दो। . 55 पराये घर जाकर अपने घर के से काम मत करो बल्कि उस की सुविधाओं का और उसके बनाये हुए नियमों का अच्छी लरेह ध्यान रखो। .. 56 लिखते समय. कलम और हाथ को स्याही से लतपत मस होने दो। बल्कि ऐसी सावधानी से लिखो कि हाथ को जरा मी त्याही का दाग-तक खगने म पावे /
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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