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________________ भौति-शिक्षा-संह 57 दावात में स्याही भरने के लिये कलम को उसमें जोर जोर से मत पटको। 58 कलम में स्याही अधिक भर आने पर उसे इधर उधर मत छींटो। .56 अपने कपड़ों पर स्याही की एक बूंद भी मत गिरने दो। 60 बहुत से लोगों की भादत होती है कि कलम को साफ करने के लिये अपने सिर के बालों में पोंछ लेते हैं, यह ठीक नहीं है। 61 जिन शब्दों का आपको शुद्ध उच्चारण न आता हो उन्हें न बोलने का ध्यान रखो / शुद्ध रूप मालूम हो जाने पर ही उन शब्दों का प्रयोग करो / बहुत से लोग संस्कृत, अरबी, फारसी और अंग्रेजी भादि भाषाओं को न जानते हुए भी उन भाषाओं के शब्दों ." का प्रयोग करते हैं - यह अनधिकार चेष्टा करना ठीक नहीं है। 62 अपने मुँह से शुद्ध, उत्तम, मधुर भौर शिष्टतायुक्त वाक्यों . को ही निकालो। .63 किसी दूसरे की वस्तु यदि अपने द्वारा बिगड़ जाय अथवा खो जावे तो उस वस्तु के मालिक की जैसे हो सके वैसे तुष्टि करो। * 64 कुर्सी, स्टूल, तिपाई, मेज, चारपाई मादि वस्तुओं की जेर जोर से पटका पटकी और खींचातानी मत करो। 65 सोते हुए मनुष्य के पास इतने जोर से पैर पटकंकर न चलो फिरो जिससे उसकी नींद खुल जावे, बल्कि बहुत ही पाहिस्ता पाहिस्ता चलो।
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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