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________________ शिक्षा 88 सम्पत्ति विपत्ति, सुख, दुःख, मूढता और , चतुरता ये सब कर्मों के नाटक हैं। 86 आरंभ परिग्रह विषय कषाय, चाहे थोडा हो __ या बहुत, वह दुःख ही का कारण है। . 90 मित्र से कपट न रखना चाहिए। 11 स्नेह करने वाली स्त्री का भी विश्वास न करना चाहिए। 12 होली आदि में ऐसे निलज्ज वचन न बोलना चाहिए और न गीत गाना चाहिए जिससे भाधों में विकार उत्पन्न हो, और आत्मा पर बुरा असर पडे / 93 बड़ों के साथ वैर न करना चाहिए। 64 समर्थ होकर, दूसरों की आशा भंग न करना ' चाहिए। 65 किसीको झूठा कलंक न लगाना चाहिए। .. 96 विना काम और अनादर से किसी के घर न जाना चाहिए। 17 माता पिता की आज्ञा भंग न करना, तथा सगे सम्बन्धियों से कभी विरोध न करना चाहिए।
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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