________________ (80) सेठियाजैनग्रंथमाला जाता है, उसे असली ज्ञानवान् समझना चाहिए, उस को मोक्ष अति निकट है / जटा बढ़ाना और शरीर पर भभूत लगाना आदि माडम्बर दिखाने से उसे क्या लाभ ? 84 जो गुरु शिष्य को एक अक्षर भी सिखाता है, उस से उऋण होने के लिए पृथ्वी पर ऐसा कोई धन नहीं है, जिसे देकर शिष्य उऋण हो सके। 85 दुष्ट मनुष्य और कांटे से बचने के दो ही उपाय हैंजूते से उनका मुँह तोड़ना, अथवा दूर ही से बचकर चलना। 86 जो गृहस्थ मैले कुचैले कपड़े पहिनता है,दांत साफ नहीं करता है, बहुत भोजन करने वाला है, कठोर वचन बोलता है, सूर्य के उदय होने या अस्त होने के समय सोता है, उसे लक्ष्मी छोड़ देती है, चाहे वह विष्णु क्यों न हो। 87 संसार में कोई किसी का बन्धु नहीं है, एक धन ही सब का बन्धु है; क्योंकि मित्र स्त्री सेवक और भाई बन्धु धन हीन पुरुष को छोड़ देते हैं, किन्तु वही धन हीन जब धनी हो जाता है, तो सब के सब अनेक प्रकार का नाता जोड़कर उस के साथ सम्बन्ध कर लेते हैं। 88 अन्याय से पैदा किया हुआ धन दस बरस तक ठहरता है; ग्यारहवाँ वर्ष लगते ही मूल-पूँजी सहित नष्ट हो जाता है। 86 बुरी वस्तु भी योग्य पुरुष को पाकर अच्छी बन जाती है।