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________________ (72) सेठियाजैनग्रन्थमाला केश वाली कन्या शुभलक्षण वाली होती है / इस का स्वामी राजा या ऐश्वर्य शाली होता है। वह स्त्री सौभाग्यवती और पुत्रों की माता होती है। 42 जिस स्त्री के अंग सूखे हों, कुए की तरह गहरे (बैठेहुए) गाल हों, अलग 2 दांत हों, तालु ओंठ और जीभ काली हो, आंखे पीली हो, बहुत ठिगनी या बहुत लम्बी हो, शरीर लावण्य हीन हो, भोहें बहुत नमी हुई हों, स्तन युगल छोटे बड़े हों, जंघा पर रोम हों, जिस के बहुत केश हों, ऐसी सोलह कुलक्षण वाली धन और पुत्र से हीन होती है / 43 बैठे 2 तिनके तोड़ा करना, जमीन खुदरना, उंगलिया चटकाना, भोजन करते समय जमीन पर हथेली टिकाकर बैठना निसास डालना, माथे पर हाथ लगाकर बैठना, पांव में ऑटी डालकर सोना, चलते हुए खाना, हँसते हँसते बातचीत करना, दो आदमियों की बात चीत में अनधिकार प्रवेश करना, ये सब ऐब में शामिल हैं, इन्हें यत्न पूर्वक टालना चाहिए / 44 इस जगत् में यदि तुम्हें सब से उत्तम चीजें ढूंढना है, तो वे ये हैं, स्वच्छ वायु, उमदा जल, उत्तम पथ्य भोजन, निरोग शरीर, और पवित्र अन्त:करण / 45 गरीब मनुष्य में यदि उद्योग शीलता और क्षमा, ये दो गुण हों तो भी वह अपने जीवन को सुखी बना सकता है, परन्तु श्रीमंतों
SR No.023531
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages114
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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