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MaMM न पत्रहारत्व
AM हितेच्छु (१०) गोलापूर्व जैन
मुनियों की अपनी पत्रिकायें :
(१) विरागवाणी (२) झरता करुणा स्तोत्र (३) पुलकवाणी (४) अहिंसा महाकुंभ (५) सम्यग्ज्ञान (६) पुण्यगिरि तीर्थ (७) निर्मल ध्यान ज्योति (८) साराक सोपान
तीर्थ संबंधी पत्रिका : (१) प्राचीन जीर्ण तीर्थोद्धार (२) जैन तीर्थवंदना
समन्वय की जैन पत्रिका एवं शाकाहार अहिंसा संबंधी पत्रिकायें -
(१) जिनेन्दु (२) तीर्थंकर वाणी (२) अहिंसा वाणी (४) The Voice of Ahimsa (५) Karuna International (६) शाकाहार क्रांति (७) तीर्थंकर (८) जैन समाज (९) दिशाबोध (१०) Jainism today.
संस्थागत पत्रिकायें :
(१) दिगंबर जैन महासमिति पत्रिका (२) जैन प्रचारक (३) वीरोदय (४) श्री गणेशवर्णी संस्थान समाचार
सोनगढ विचारधारा :
(१) आत्मधर्म (हिन्दी-कन्नड) (२) वीतराग विज्ञान (३) ध्रुव धाम (४) ज्ञानधारा आदि वैसे उन पत्रिकाओं का विभाजन
(ए) भाषानुसार (बी) समयानुसार (साप्ताहिक - पाक्षिक - मासिक - त्रिमासिक आदि) भी किया जा सकता है।
जहाँ तक पत्रिकाओं की प्राचीनता शताधिक या शतक के करीब माने तो सूरत का "जैनमित्र" जो दिगंबर जैन का मुखपत्र है। "जैन संदेश" चौरासी मथुरा का प्रकाशन है तो “जैन गजट' भा. दि. जैन महासभा के समाचार व दर्शन संबंधी पत्रिकायें हैं।
___ अखिल विश्व जैन मिशन (एटा अलीगंज) का सर्वाधिक प्राचीन जैन धर्म का प्रचार पत्र है। “जैन बोधक' मराठी सोलापुर का प्राचीन दिगंबर जैन पत्र है। वैसे अनेक पत्रिकाओं ने स्वर्ण जयंतियाँ मना ली है।
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