SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 763
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ७४० ] अलङ्कार-धारणा : विकास और विश्लेषण उत्तर और काव्यलिङ्ग मम्मट ने उत्तर और काव्यलिङ्ग का भेद स्पष्ट करते हुए कहा है कि यह शङ्का नहीं होनी चाहिए कि किसी उत्तर को सुन कर उसके पीछे निहित प्रश्न का जो बोध होता है उसमें उत्तर प्रश्न का हेतु होता है और इस प्रकार हेतु-रूप में उत्तर वाक्य के उपन्यास के कारण उत्तर काव्यलिङ्ग से अभिन्न है। उत्तर अलङ्कार में विशेष उत्तर प्रश्न-विशेष का ज्ञापक हेतु-मात्र होता है। उत्तर प्रश्न का कारक हेत नहीं माना जा सकता। काव्यलिङ्ग में कारक (जनक) हेतु का उपस्थापन होने से प्रश्न का ज्ञापन-मात्र करने वाले उत्तर पर आद्धृत उत्तर अलङ्कार का उससे स्वतन्त्र अस्तित्व है।' उत्तर और अनुमान उत्तर में प्रश्न साध्य और उत्तर उसका साधन है। यह शङ्का की जा सकती है कि उत्तर अलङ्कार में उत्तर सुनकर प्रश्न का अनुमान होता है, फिर उसे अनुमान में ही अन्तभुक्त क्यों न मान लिया जाय ? रुय्यक तथा मम्मट ने इस सम्भावित शङ्का का समाधान करते हुए कहा है कि अनुमान में एक-धर्मीगत (पक्षनिष्ठ) साध्य और साधन का निर्देश अपेक्षित है; पर उत्तर में साध्य प्रश्न का निर्देश नहीं होता है, केवल साधन उत्तर का ही निर्देश होता है । अतः, उत्तर का स्वरूप अनुमान से स्वतन्त्र है। प्रश्नपूर्वक उत्तर में भी असकृत् असम्भाव्य उत्तर होने से वह उत्तर अनुमान से स्वतन्त्र है। १. न चैतत् (उत्तरम्) काव्यलिङ्गम् उत्तरस्य ताद्र प्यानुपपत्तः। नहि प्रश्नस्य प्रतिवचनं जनको हेतुः ।। -मम्मट, काव्यप्रकाश, १०, १२१ की वृत्ति पृ० २८१ २. नापीदमनुमानम् एकमि निष्ठतया साध्यसाधनयोरनिर्देशादित्य लङ्कारान्तरमेवोत्तरं साधीयः । -वही, पृ० २८१ तथान चेदमनुमानं, पक्षधर्मत्वादेरनिर्देशात् । यत्र च प्रश्नपूर्वकमसम्भावनीयमूत्तरं तच्च न सकृत. तावन्मात्रण चारुत्वाप्रतीतेः । अतश्चासकृदुपनिबन्धे द्वितीयमुत्तरम् । -रुय्यक, अलङ्कारसर्वस्व, पृ० २१३-१४
SR No.023467
Book TitleAlankar Dharna Vikas aur Vishleshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShobhakant Mishra
PublisherBihar Hindi Granth Academy
Publication Year1972
Total Pages856
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy